बढ़ती मांग और शानदार बिक्री के साथ, यह त्योहारी सीज़न आवासीय प्रोपर्टी क्षेत्र में खुशियों की बरसात करने के लिए तैयार है। विनोद बहल
आज भारत की 11.10 ट्रिलियन डॉलर की घरेलू संपत्ति में 50% से अधिक हिस्सा आवासीय प्रॉपर्टी का है। अर्थव्यवस्था में सुधार के साथ, आवासीय रियल्टी उल्लेखनीय रूप से अच्छा प्रदर्शन कर रही है। ये 2023 की पहली छमाही के आंकड़ों से स्पष्ट है जो 2.29 लाख आवास इकाइयों की बिक्री दर्शाता है। जबकि लग्जरी आवास की मांग में बड़ी वृद्धि देखी जा रही है, मध्यम-कीमत और किफायती (अफोर्डेबल) आवास के बाजार का भी अच्छा प्रदर्शन जारी है।
बढ़ती मांग और उच्च कंज्यूमर सेंटिमेंट के साथ, रियल एस्टेट डेवलपर्स आगामी त्योहारी सीजन में घरों की बिक्री में लगभग 20% की वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। उनकी यह उम्मीद इस वजह से बंध रही है कि विगत अप्रैल-जून की तिमाही में मांग में लगभग 20% की तिमाही दर वृद्धि हुई थी।
लगातार बढ़ रहे नए लॉन्चों की वजह से एक उत्साहित माहौल दिख रहा है और डेवलपर्स इस बढ़ती मांग का फायदा उठाना चाहते हैं। कुशमैन एंड वेकफील्ड के अनुसार, इस आगामी सीज़न में रिकॉर्ड संख्या में नए लॉन्च होंगे। 2023 की पहली छमाही के दौरान नए
लॉन्च पिछले वर्ष की तुलना में दोगुने से भी अधिक थे। दिल्ली- एनसीआर, जहां 2023 की पहली छमाही में नए लॉन्चों में 139% की रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज हुई है, त्योहारी सीज़न में सबसे आगे रहेगा। डेवलपर्स नए लॉन्चों की बढ़ती कीमतों से भी फायदा उठाना चाहते हैं।
इस फेस्टिव सीजन में ऐसे कई कारण हैं जिनके चलते इच्छुक घर खरीदार खरीदारी करना चाहेंगे। इसमें देखा जा रहा है कि देश भर में किराये की दरों में तिमाही-दर-तिमाही 4.9% की वृद्धि हुई है, और वर्तमान किराएदार अपना घर खरीदने की सोच सकते हैं। इसके साथ ही, घरों की कीमतों में बढ़ोतरी का खतरा बना रहता है, जिससे संभावित खरीदारों को भी मौका चूक जाने का डर होता है।
आज, रेरा के कार्यान्वयन के छह साल बाद, परियोजना की पूर्णता से संबंधित महत्वपूर्ण सुधारों के कारण निर्माणाधीन परियोजनाओं में घर खरीदारों का विश्वास बढ़ गया है। एनारॉक रिपोर्ट के अनुसार, 2017 की दूसरी छमाही और 2018 के पूरे वर्ष के बीच, रेरा के लागू होने के बाद, 86% आवासीय परियोजनाएं शीर्ष 7 शहरों में पूरी हो गईं।पूरे भारत में रुकी हुई आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार के 25000 करोड़ रुपये के स्ट्रेस फंड के तहत 15000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की गई है।
इंडियन बैंकिंग एसोसिएशन की रिपोर्ट के अनुसार, पूरे भारत में 2.40 लाख करोड़ रुपये की 4.12 लाख रुकी हुई आवासीय इकाइयाँ हैं। नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत के नेतृत्व में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा नियुक्त समिति की सिफारिशों को लागू करने के लिए केंद्र सरकार की गंभीरता, बड़ी संख्या में रुकी हुई परियोजनाओं के पूरा होने का मार्ग प्रशस्त करेगी।
विशेषज्ञ समिति ने एक पुनर्वास योजना की सिफारिश की थी, जिसके अनुसार रियल एस्टेट डेवलपर्स को परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 3 साल की समय सीमा का पालन करना होगा और परियोजना को पूरा करने में सफलता सुनिश्चित करने के लिए, डेवलपर्स और वित्तीय संस्थानों को अपने लाभ में कटौती करनी होगी। इसके अलावा, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में रुकी हुई आवास परियोजनाओं को पुनर्जीवित करने के लिए को-डेवलपमेंट नीति लाने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले से परेशान घर खरीदारों की समस्याओं को सुलझाने में मदद मिलेगी। कुल ठप पड़ी इकाइयों में से 44 फीसदी दिल्ली- एनसीआर में हैं। दिल्ली-एनसीआर में 2.40 लाख इकाइयां रुकी हुई हैं, जिनमें सबसे ज्यादा इकाइयां नोएडा/ग्रेटर नोएडा में हैं । इस वजह से ये सभी कदम नई लॉन्च की गई/निर्माणाधीन परियोजनाओं में संभावित घर खरीदारों के विश्वास को और मज़बूत करेंगे।
इस बीच आवास मंत्रालय एफोर्डेबल घरों के खरीदारों को और भी राहत पहुंचाने के लिए एक नई होम लोन ब्याज पर छूट की योजना को अंतिम रूप दे रहा है। यह मार्च 2022 के बाद सीएलएसएस (होम लोन पर ब्याज सब्सिडी प्रदान करने की स्कीम) को बंद किए जाने की भरपाई करेगा। यह कदम किफायती घरों की बिक्री को बढ़ावा देगा जिनकी हिस्सेदारी कुल बिक्री में कम होती जा रही है। साथ ही इससे त्योहारी सीजन के रौशन होने के संकेत मिल रहे हैं।
नवरात्री पर चमकेगी नोएडा के प्लॉट आवेदकों की किस्मत
इस वर्ष नवरात्रि आवासीय भूखंडों के 2 लाख से अधिक इच्छुक लोगों में से 1200 से अधिक लोगों के लिए उत्सव की खुशियाँ लेकर आएगी।
इस साल 8 अगस्त को लॉन्च की गई यमुना एक्सप्रेसवे डेवलपमेंट अथॉरिटी (वाईईआईडीए) की आवासीय योजना का ड्रा 18 अक्टूबर को होगा। इस योजना के लिए 2.22 लाख लोगों ने पंजीकरण कराया है। योजना के तहत 1184 भूखंड बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। ये प्लॉट अलग-अलग आकार के हैं – 162 वर्गमीटर, 200 वर्गमीटर, 300 वर्गमीटर, 500 वर्गमीटर और 1000 वर्गमीटर। भूखंडों की अधिकतम संख्या 120 वर्गमीटर श्रेणी में है। वाईईआईडीए के सेक्टर 16, 17 और 20 में ये प्लॉट 24600 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से आवंटित किए जाएंगे।