आज के समय में तनाव और चिंता के स्तर बढ़ रहे हैं, इसी के साथ ही वास्तु-अनुरूप घरों का प्रचलन भारत में तेजी से बढ़ रहा है। आखिर वो कौन से फैक्टर हैं जो बनाते हैं वास्तु-फ्रैंडली घरों को खास?

इसमें कोई दो राय नहीं है कि घर खरीदना जिंदगी का एक बड़ा निवेश होता है और जब हम घर का चयन करते हैं, तो स्थान, बजट, सुरक्षा और सुविधाएँ आदि का ध्यान रखते हैं। इनके अलावा एक और महत्वपूर्ण फैक्टर है: वास्तु-अनुरूपता अर्थात् घर का वास्तु-फ्रैंडली होना। आज के समय में ज्यादातर घर खरीददार ऐसे घर की तलाश करते हैं जो वास्तु-फ्रैंडली हो— जो सकारात्मक, आरामदायक, और विकासकारी वातावरण प्रदान करे।

क्या होती है वास्तु-अनुरूपता?

वास्तु-अनुरूपता घर के डिज़ाइन और वातावरण को समझाने का एक तरीका है। यह एक प्राचीन विज्ञान है जो इस विषय में दिशानिर्देश प्रदान करता है। इसका उद्देश्य है प्राकृतिक तत्वों और जीवन के साथ मेल बनाने के लिए घर के लेआउट, डिज़ाइन और साज-सज्जा को सामंजस्यपूर्ण बनाना।

वास्तु-अनुरूप घरों की प्रसिद्धि का एक महत्वपूर्ण कारण यह है कि ऐसे घरों में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और ऐसा माना जाता है कि इससे घर में रहने वाले लोगों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।

वास्तु के सिद्धांतों के अनुसार, इसका अनुसरण करने से आवासी जगहों में हम शांति और समृद्धि का अनुभव कर सकते हैं। इतना ही नहीं वास्तु और विज्ञान में भी पारस्परिक संबंध हैं। वास्तु के प्राचीन सिद्धांतों को आधार मानते हुए वास्तु अनुपालन के कई वैज्ञानिक कारण हैं जिनका सिलसिलेवार ढ़ंग से वास्तु शास्त्र में वर्णन किया गया है।

वास्तु और रियल एस्टेट सेक्टर

वास्तु के अनुरूप बने घरों की बढ़ती मांग की वजह से रियल एस्टेट सेक्टर में अग्रणी डेवलपर अपने प्रोजेक्ट्स को वास्तु सिद्धांतों के अनुसार ही निर्माण कर रहे हैं। लो-राईज घर हों या बहुमंजिला इमारतों में बने मॉडर्न फ्लैट्स, सभी को वास्तु-शास्त्र के प्राचीन ज्ञान और सिद्धांतों को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया जा रहा है। वास्तु-अनुरूप घरों की लोकप्रियता का कारण कुछ लोग वास्तु-अनुरूपता को धर्म या परंपरा के हिस्से के रूप में देखते हैं, जबकि कुछ लोग इसे एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझते हैं। वास्तु के सिद्धांतों के आधार पर घर का डिज़ाइन करने से हम अपने जीवन को सकारात्मक और स्वास्थ्यपूर्ण बना सकते हैं। प्राकृतिक रोशनी और वेंटिलेशन भी वास्तु-अनुरूप घरों के डिजाइन का प्रमुख अंग हैं। उचित रूप से डिजाइन किए गए वास्तु-अनुरूप घरों में अक्सर पर्याप्त प्राकृतिक रोशनी और वेंटिलेशन होता है। इससे मूड और ऊर्जा का स्तर बढ़ सकता है। यह आपके आध्यात्मिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है और आपके व्यक्तित्व को बेहतर बनाने में मदद करता है। बेहतर अंतर्वैयक्तिक और पारस्परिक व्यवहार को बढ़ावा देने से वास्तु अनुरूप घर के निवासियों को बेहतर और अधिक संतुष्टिदायक रिश्ते बनाने में मदद मिलती है।

ग्राहकों की वास्तु अनुरूप घरों की बढ़ती मांग की वजह कई रियल एस्टेट डेवलपर तो इसे एक यूएसपी के तौर पर अपने प्रोजेक्ट्स में दर्शाते हैं और यह उनके सेल्स एवं मार्केटिंग गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण अंग बन चुका है। आज की भाग-दौड़ वाली दुनिया में मानसिक और आध्यात्मिक संतुष्टी को बढ़ावा देने वाले घरों की तलाश में ग्राहक वास्तु-फ्रैंडली घरों को अपनी पहली पसंद बना चुके हैं। जिस तेजी से आज के युवा वास्तु-फ्रैंडली घरों को तरजीह दे रहे हैं उसे देखते हुए तो यही लगता है कि आने वाले समय में वास्तु-फ्रैंडली तथा सस्टेनेबल डेवलपमेंट का बोल बाला रहेगा।

आगामी अंक से पढ़ें एस्ट्रो प्रॉपर्टी कॉलम

अगले अंक से हम एस्ट्रो प्रॉपर्टी पर मासिक कॉलम शुरू कर रहे हैं जिसमें हम प्रॉपर्टी खरीदने बेचने तथा गृह प्रवेश इत्यादि के लिए शुभ समय के बारे में बताएंगे। इस कॉलम के लेखक जाने-माने ज्योतिषी सिद्धार्थ मिश्रा हैं जिनका ज्योतिष के विभिन्न पहलुओं पर गहन अध्ययन तथा अनुभव है।

Real estate consulting firm in India provides a comprehensive range of services, including news and updates, legal paperwork assistance, financing options, regulatory compliance support, and RERA services.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Unlock Exclusive Content Worth Rs. 3600 – Absolutely Free!

X