विनोद बहल
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और उसके उद्घाटन के बाद से, अयोध्या आध्यात्मिक पर्यटन स्थल के रूप में परिवर्तित हो चुका है। इस वजह से यहां कई रियल एस्टेट, बुनियादी ढांचे और आतिथ्य परियोजनाओं ने वैश्विक स्तर पर प्रॉपर्टी निवेशकों के लिए निवेश के आकर्षण को बढ़ाया है।
अब, इस दिवाली अयोध्या नगरी के ताज में एक और रत्न जुड़ जाएगा और वह है सरयू नदी के तट पर मुंबई जैसा चौपाटी समुद्र तट, जो अयोध्या के प्रॉपर्टी बाजार को और बढ़ावा देगा।
इस परियोजना के लिए पहले ही लगभग 5 करोड़ रुपये आवंटित किए जा चुके हैं और इसपर तेजी से काम चल रहा है। अयोध्या की चौपाटी को एक जीवंत सार्वजनिक स्थान के रूप में डिजाइन किया गया है जिसमें सरयू नदी के तट पर बैठने के लिए मंच बनाए गए हैं। इसे समुद्र तट क्षेत्र की तरह सुंदर बनाया जा रहा है। इसमें दुकानों और रेस्तरां के अलावा एक भव्य फ़ूड कोर्ट भी होगा, जहाँ स्थानीय आगंतुक और पर्यटक यहां के व्यंजनों के साथ ही अन्य राज्यों के व्यंजनों का आनंद लेते हुए सुरम्य सरयू नदी की सुंदरता को निहार सकेंगे। आगंतुकों की सुविधा के लिए एक समर्पित पार्किंग स्थल भी बनाया जा रहा है।
अयोध्या आने वाले लोग इस दिवाली पर भव्य दीपोत्सव के दौरान इस अनोखे चौपाटी अनुभव का आनंद ले सकेंगे। इस तरह से अयोध्या में प्रॉपर्टी की संभावनाएं और भी बढ़ जाएंगी। अयोध्या में विकास के लिए करीब 1.80 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। इसमें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 1.15 लाख करोड़ रुपये का निवेश और अयोध्या मास्टर प्लान 2031 के तहत 85000 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है। केंद्र सरकार भी 11 हजार करोड़ रुपये का निवेश कर रही है।
गौरतलब है कि अयोध्या में रियल एस्टेट का विकास जोरों पर है। उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद 2100 करोड़ से अधिक की लागत से 1400 एकड़ से अधिक क्षेत्र में एक नई ग्रीनफील्ड टाउनशिप विकसित कर रही है। निजी क्षेत्र भी इस अभियान में पीछे नहीं है। हाउस ऑफ अभिनंदन लोढ़ा (एचओएएल) पहले से ही सात सितारा ब्रांडेड प्लॉटेड डेवलपमेंट, ‘द सरयू’ के साथ चर्चा में है, जहाँ सिने जगत के आइकन अमिताभ बच्चन जैसी मशहूर हस्तियों की प्रॉपर्टी है। एचओएएल लीला के साथ एक 5-सितारा होटल भी विकसित कर रहा है। आईएचसीएल, रेडिसन, विन्धम जैसी अन्य बड़ी हॉस्पिटैलिटी चेन द्वारा बनाए जा रहे आगामी कई होटल अयोध्या में रियल एस्टेट को बढ़ावा देंगे।
इन सबके बीच, अयोध्या प्रशासन ने सात साल के अंतराल के बाद जमीन के सर्किल दरों में 50 प्रतिशत से 200 प्रतिशत तक की भारी वृद्धि करने का फैसला किया है जिससे आने वाले समय में अयोध्या में प्रॉपर्टी का कारोबार और भी गरमा जाएगा।